स्मार्ट ट्रॉली, स्मार्ट शॉपिंग: KLU के स्टूडेंट्स ने बदला रिटेल का चेहरा

सुपरमार्केट में लंबी-लंबी कतारें, काउंटर पर इंतज़ार और समय की बर्बादी – यह परेशानी शायद हर किसी ने झेली होगी।

ग्राहकों के लिए राहत, दुकानदारों के लिए फायदा – KLU का इनोवेशन"

सुपरमार्केट में लंबी-लंबी कतारें, काउंटर पर इंतज़ार और समय की बर्बादी – यह परेशानी शायद हर किसी ने झेली होगी। लेकिन Best Universities in India, KL University की कंप्यूटर साइंस की 3rd ईयर की स्टूडेंट्स टीम ने इस समस्या को अपने इन्वेशन से हल करने की ठानी है।

हिमा वर्षा, रुथविका, सदाविका, झांसी और अरुणा नाम की पाँचों छात्राओं ने मिलकर “Smart Trolley with Smart Billing” नाम का एक खास प्रोजेक्ट तैयार किया है।

क्या है स्मार्ट ट्रॉली?

यह ट्रॉली किसी साधारण ट्रॉली जैसी दिखती है, लेकिन इसमें लगी खास तकनीक इसे बेहद स्मार्ट बनाती है।

 इसमें RFID, सेंसर, Arduino और कैमरे लगे हैं।

 जैसे ही ग्राहक सामान ट्रॉली में डालता है, यह तुरंत पहचान लेता है।

 बिल रियल टाइम में अपडेट हो जाता है।

 मतलब, अब काउंटर पर अलग से स्कैनिंग की ज़रूरत नहीं।

अब शॉपिंग होगी आसान

पायलट टेस्टिंग में इस ट्रॉली ने बेहतरीन नतीजे दिए हैं:

98% सटीकता के साथ प्रोडक्ट पहचान

2 सेकंड से भी कम समय में बिल अपडेट

12 घंटे की बैटरी लाइफ

और 30% तेज़ चेकआउट टाइम

ग्राहकों को इससे सुविधा मिलेगी, दुकानदारों को बिलिंग एरर कम होंगे और पूरा रिटेल अनुभव ज्यादा आसान बनेगा।

आगे की योजना

स्टूडेंट्स टीम यहीं नहीं रुकना चाहती। उनका अगला लक्ष्य है:

RFID की रेंज बढ़ाना

AI से प्रोडक्ट पहचान और भी बेहतर करना

पेमेंट गेटवे को ट्रॉली से जोड़ना

इससे भविष्य में शॉपिंग बिना किसी रुकावट के और भी तेज़ और सुरक्षित हो जाएगी।

सीख और अनुभव

इस प्रोजेक्ट से स्टूडेंट्स को सिर्फ तकनीक ही नहीं, बल्कि लीडरशिप, टीमवर्क और समस्या हल करने की कला भी सीखने को मिली। उन्होंने दिखा दिया कि असली शिक्षा वही है, जो समाज की समस्याओं का हल निकाले।

? KLU के इन स्टूडेंट्स की मेहनत और सोच यह साबित करती है कि जब युवा नवाचार को अपनाते हैं, तो आम जिंदगी की मुश्किलें भी आसानी में बदल सकती हैं।


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